उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हाल ही में आई मूसलधार बारिश ने शहर को परेशानियों की चपेट में डाल दिया है। गर्मी से राहत देने वाली इस बारिश ने सड़कों और प्रशासनिक भवनों में जलभराव की गंभीर समस्याएँ उत्पन्न कर दी हैं। खासकर, उत्तर प्रदेश विधानसभा परिसर भी इस बारिश से अछूता नहीं रहा है, जहां कर्मचारियों को पानी निकालने के लिए बाल्टी का सहारा लेना पड़ा है।सड़कों पर जलभराव:लखनऊ का प्रमुख हजरतगंज चौराहा अब एक विशाल तालाब में तब्दील हो गया है। भारी बारिश के बाद यहाँ सड़कों पर पानी भर गया है, जिससे नगर निगम की व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। नगर निगम के बार-बार के दावों के बावजूद, सीवर प्रणाली की कमी और साफ-सफाई की अनदेखी ने इस स्थिति को जन्म दिया है। सीवरों की खराब स्थिति और अवरुद्ध पाइपलाइनों के कारण पानी की निकासी नहीं हो पा रही है, जिससे कई इलाकों में पानी भर गया है।विधानसभा परिसर में जलभराव:विधानसभा परिसर में भी जलभराव की स्थिति गंभीर है। मुख्य गेट नंबर 7 के सामने पानी भरने के कारण, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को गेट नंबर एक से बाहर लाया गया। विधानसभा परिसर में पानी भरने से वहां काम कर रहे कर्मचारियों को बड़ी मुश्किलें उठानी पड़ीं। कर्मचारियों ने पानी को बाहर निकालने के लिए बाल्टी का सहारा लिया, और कई कर्मचारी अपने पैंट ऊपर कर पानी से बचने का प्रयास करते देखे गए।सरकारी दफ्तरों में स्थिति:लखनऊ नगर निगम के दफ्तरों में भी पानी भरने से स्थिति अत्यंत खराब हो गई है। दफ्तर की छतों से पानी टपक रहा है, जिससे अंदर का वातावरण असहनीय हो गया है। इस जलभराव की वजह से नगर निगम और अन्य सरकारी दफ्तरों के कामकाज पर प्रतिकूल असर पड़ा है, और कर्मचारियों को लगातार समस्या का सामना करना पड़ रहा है।बजट सत्र और सुरक्षा के मुद्दे:विधानसभा में चल रहे बजट सत्र के दौरान इस जलभराव ने सुरक्षा और संचालन की समस्याएँ पैदा कर दी हैं। विधानसभा परिसर के भीतर पानी भर जाने से गाड़ियों की आवाजाही भी प्रभावित हो रही है। सड़क पर गाड़ियां पानी में चल रही हैं और कर्मचारियों को कार्यस्थल पर पहुंचने में कठिनाइयाँ हो रही हैं। इस स्थिति ने यह स्पष्ट कर दिया है कि शहर की जल निकासी प्रणाली और बुनियादी ढांचे की तत्काल सुधार की आवश्यकता है।निवारण की आवश्यकता:यह स्थिति नगर निगम और प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती पेश कर रही है। लखनऊ में जलभराव की समस्या को दूर करने के लिए तुरंत और प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है। सीवर सफाई और बुनियादी ढांचे की देखरेख पर ध्यान देने के साथ-साथ, बारिश के दौरान पानी की निकासी के लिए बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता है।लखनऊ के नागरिकों और सरकारी कर्मचारियों को राहत देने के लिए आवश्यक सुधारों के बिना, शहर में इस तरह की समस्याएँ बार-बार उत्पन्न हो सकती हैं। इस समय की सबसे बड़ी आवश्यकता यह है कि प्रशासन इस मुद्दे को गंभीरता से ले और जलभराव की समस्या को दूर करने के लिए तत्काल कार्रवाई करे।