उत्तर प्रदेश में योगी सरकार की ग्रीन एनर्जी पहल ने न सिर्फ पर्यावरण को नया जीवन दिया है, बल्कि सरकारी विभागों के बिजली खर्चों में भी राहत पहुंचाई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की vision के तहत, उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) अब ग्रीन एनर्जी के उपयोग को और बढ़ावा देने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है।यूपीसीडा का सोलर पावर प्लानयूपीसीडा ने अपने कानपुर मुख्यालय में सफल रूफ टॉप सोलर प्लांट के बाद, अब अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में भी सोलर प्लांट्स, ग्रीन बेल्ट्स और सोलर पथ बनाने की योजना तैयार की है। इस योजना के तहत, प्राधिकरण ने प्रशासनिक भवनों, नागरिक केंद्रों, ट्रांजिट हॉस्टल, और अन्य सार्वजनिक सुविधाओं पर सोलर रूफटॉप प्लांट्स लगाने का प्रस्ताव रखा है। कानपुर में स्थापित सोलर प्लांट ने पिछले कुछ महीनों में 27.35 लाख रुपए की बिजली बिल में बचत की है। यूपीसीडा का अनुमान है कि इस पहल से अगले 23 वर्षों में कुल 1104 लाख रुपए की शुद्ध बचत होगी।कोस्ट रिकवरी और एनर्जी सेविंगजनवरी 2024 में यूपीसीडा ने कानपुर मुख्यालय में 150 किलोवॉट का सोलर रूफटॉप प्लांट स्थापित किया था। इस परियोजना की लागत 82.98 लाख रुपए थी, जो यूपीनेडा की सहायता से कैपेक्स मॉडल पर पूरी की गई। इस प्लांट के चालू होने के बाद से, प्राधिकरण ने विभिन्न महीनों में ऊर्जा की बचत की है। जनवरी और फरवरी में 35%, मार्च में 32.42%, और अप्रैल से जुलाई तक 56.92% ऊर्जा की बचत की गई। कुल लागत का लगभग 33% पहले ही रिकवर किया जा चुका है, और अगले दो वर्षों में पूरी लागत वसूल हो जाएगी।औद्योगिक क्षेत्रों में ग्रीन पहलयूपीसीडा की योजना के अनुसार, विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में ग्रीन एनर्जी पहल शुरू की जाएगी। सर्वेक्षण के आधार पर, 53 महत्वपूर्ण स्थानों की पहचान की गई है, जिनका कुल विद्युत भार लगभग 2000 किलोवॉट है। इन स्थानों में एमजी रोड (हापुड़), सूरजपुर साइट-बी (गौतम बुद्ध नगर), और चिनहट (लखनऊ) जैसे प्रमुख क्षेत्र शामिल हैं। इसके साथ ही, यूपीसीडा ग्रीन बेल्ट्स और सोलर पथ मार्ग बनाने की योजना बना रहा है, जो औद्योगिक क्षेत्रों की सुंदरता और पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ाएंगे।उद्यमियों को प्रेरित करने की पहलयूपीसीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी मयूर माहेश्वरी ने कहा कि भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार की सौर ऊर्जा नीति 2022 के तहत, यूपीसीडा मुख्यालय और क्षेत्रीय कार्यालयों में भी सोलर रूफटॉप प्लांट्स स्थापित करेगा। इसके साथ ही, औद्योगिक क्षेत्रों में स्थित इकाइयों के उद्यमियों को भी अपनी फैक्ट्री में सोलर रूफटॉप लगाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इससे न केवल विद्युत बिल कम होंगे, बल्कि ऊर्जा उत्पादन में भी बढ़ावा मिलेगा।