केरल के वायनाड जिले में हाल ही में हुए भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई है, जिसमें अब तक 167 लोगों की मौत हो चुकी है और 300 से ज्यादा लोग लापता हैं। राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी है, और 8000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर राहत शिविरों में शिफ्ट किया गया है।मुख्यमंत्री विजयन का बयानगुरुवार को मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की, जिसमें उन्होंने भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने बताया कि लापता लोगों की खोज के लिए नदी में बचाव अभियान जारी रहेगा और राहत शिविरों में शिफ्ट किए गए लोगों के पुनर्वास के प्रयास तेज किए जाएंगे। उन्होंने मीडिया से अपील की कि वे राहत शिविरों में जाकर शूटिंग करने से बचें और प्रभावित लोगों की गोपनीयता का सम्मान करें।राहुल और प्रियंका का दौराकांग्रेस सांसद राहुल गांधी और कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी वायनाड के भूस्खलन प्रभावित चूरलमाला क्षेत्र का दौरा किया। 30 जुलाई को हुए इस भूस्खलन के बाद राहुल और प्रियंका ने प्रभावित परिवारों से मुलाकात की और स्थिति का जायजा लिया। उनका दौरा पीड़ितों के प्रति सांत्वना और समर्थन का प्रतीक था।स्वास्थ्य मंत्री का अपडेट केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया कि सुबह 7 बजे तक कुल 256 शवों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट प्राप्त की गई है, जिसमें शवों के अंग भी शामिल हैं। उन्होंने पुष्टि की कि 154 शव जिला प्रशासन को सौंप दिए गए हैं।भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्रमुंडक्कई और चूरलमाला क्षेत्र इस आपदा से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। मुंडक्कई शहर की स्थिति गंभीर है और यहाँ लगभग 450 से 500 घर पूरी तरह से नष्ट हो चुके हैं। इस क्षेत्र को फिर से जोड़ने के लिए 190 फुट लंबा 'बेली ब्रिज' बनाया गया है, जिसका निर्माण लगभग पूरा हो चुका है।लोकसभा में उठे मुद्देवायनाड में हुए भूस्खलन पर लोकसभा में भी चर्चा हुई। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार पूरी तरह से वायनाड की जनता के साथ खड़ी है और इस आपदा से निपटने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि सरकार राहत, बचाव और पुनर्वास के लिए एक विशेष विधेयक भी लाएगी।इस प्रकार, वायनाड में भूस्खलन के बाद की स्थिति गंभीर बनी हुई है और राहत कार्यों के साथ-साथ पुनर्वास के प्रयास तेजी से जारी हैं।